Friday, May 10, 2019

बचपन

ARTICLE - YOGA FOR THE KIDS
LANGUAGE - HINDI+ENGLISH
WRITER - SMRIT SINGH
Smritsingh1@gmail.com
831705376

"उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते"
बशीर बद्र साहब की नज़्म अब जख्म सी लगती है क्योंकि आजकल के बच्चे कुछ ऐसे नज़र आते है ।
"चुप-चाप बैठे रहते हैं कुछ बोलते नहीं
बच्चे बिगड़ गए हैं बहुत देख-भाल से"
मोटापे का हाई अलर्ट
चर्चा में आई एक रिसर्च रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि आत्म विश्वास में कमी के कारण 19 प्रतिशत मोटे बच्चे उदास महसूस करते हैं, 48 प्रतिशत उबाऊ महसूस करते हैं और 21 प्रतिशत नर्वस महसूस करते हैं।
आजकल, बच्चे उन बीमारियों के चपेट में आ रहे है जो फिलहाल के लिए उनसे कोसो दूर होनी चाहिए । हमारे आखों के तारे जिनकी आखों में हजारों सपने तैरने चाहिए, उनकी बेजुबान हक़ीक़त ये है कि, मोटापे, अधिरता, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, निद्रा रोग जैसी गम्भीर बीमारियां उनके जीवन की हमजोली और अस्तिव का हिस्सा बनती जा रही है ।
आज की फ़ास्ट मूविंग लाइफ में बच्चे सिर्फ मोबाइल, टेबलेट की वर्चुअल दुनिया मे ही सुपर किड्स बन के रह गए है । अब इस वर्चुअल तिलिस्म से परे हट कर रियल लाइफ की बात करने का समय है । आपको ये बात अटपटी लग सकती है लेकिन बात की इंटेंसिटी को समझे  ।
ऊपर बताई गई बीमारियां आगे चलकर एनोरेक्सिया, बुलिमिया, त्वचा में संक्रमण और अस्थमा, श्वसन से सम्बंधित समस्याओं में बदल सकती है । आपको हैरानी होगी कि मोटापे से पीड़ित बच्चों में कैरोटिड धमनियां समय से पहले इतनी विकसित हो जाती हैं जितनी कि तीस वर्ष की उम्र में विकसित होनी चाहिए,
इसीलिए ये जरूरी हो जाता है कि टीवी सेट या वीडियो गेम से चिपके बच्चों को रियलटाइम एक्टिविटी में इन्वॉल्व किया जाए । अब समय आ गया है कि, हम और हमारे बच्चे खुद को फिट और फाइन रखने के लिए मानव स्वास्थ्य की परंपरागत योग-विशेषताओ को फिर से जाने जिसे हमने हार्डकोर टफ लाइफ में कही भुला दिया है ।
बच्चों को दीजिए योग- टॉनिक
बालमन हमेशा ही अपने मन के भीतर बहुत सी दुःखद अनुभूतियों को दबा लेता है और अंदर ही अंदर कई लड़ाईया लड़ता रहता है । योग, बालमन की उथल पुथल को बैलेंस करता और बच्चे को आंतरिक रूप से सबल बनाता है ।
योग से बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बालमन में पानी सा बहाव और ठहराव रहता है । इसके अतिरिक्त योगासन से मौसमी बीमारियों छूमंतर रहती है और बच्चें डिप्रेशन जैसी समस्याओं से बचते है ।
कैसे करे किड्स फ़ॉर योगा की शुरुआत
टारगेट एंड अचीवमेंट का थमरुल सेट करे और बच्चे को कुछ बेसिक योगा टिप दे ।
हेल्थी योगा-जैम टिप
बच्चों को अपने साथ टहलने के लिए ले जाएं
सूर्य नमस्कार के साथ शुरुआत करे
योगा मैट पे कमर सीधी करके बैठने को बोले
सीक की तरह सीधा खड़ा करें
लंबी सांस लेना सिखाए
साउंड, रिदम, उच्चारण की प्रैक्टिस कराए जैसे ओम की ध्वनि,
हफ्ते में 5 दिन योग के लिए बच्चे को समय दे
रिलैक्स करवाने के लिए श्वासन कराए ।
योग के समय ध्यान रखने योग्य बाते
जटिल योगाभ्यास ना कराए ।
योग से पहले बच्चा खाली पेट हो।
योग प्रैक्टिस में हड़बड़ी ना करे बच्चे को हर दिन सीखने समझने का समय दे ।
एंटरटेन योगा
बोरियत से बचने के लिए लाइट म्यूजिक, ट्रांस म्यूसिक जैसे बासुरी की धुन, पंछियों के चहकना, या कुछ बैक ग्राउंड स्कोर के ट्रैक बजाए । आंखें बंद करके सांस लें और कानों में उंगली डालकर ङ्गहम्मम की आवाज़ से सांस छोड़ें ।
किड्स फ्रेंडली टॉप टेन योगासन
वेक एंड स्ट्रेच
डाउन डॉग- अधो मुख स्वानासन
प्राणायाम
हमिंग बी- ब्राह्मरी
टीज़ अप- शितकारी शीतली प्राणायाम
टीपॉट पोज़- नटराजासन
रॉक एंड रोल
स्टार पोज़- उत्थिट ताड़ासन
बो पोज़- धनुरासन
स्नेक पोज़
सभी योगासन की जानकारी आप आसानी से यूट्यूब पे सर्च कर सकते है साथ ही योग से संबंधित कई किताबें मार्केट पे उपलब्ध है । इसके अतिरिक्त आप किसी योगा टीचर की भी मदद ले सकते है ।
लिटल चैम्प को बताए योगा के सुपरकूल फायदे
शार्प माइंड,
सांसों की माला को बेहतर बनाता है।
थकान भी दूर करता है ।
फ़ोकस बढ़ता है।
वोकल कॉर्ड्स को मज़बूत बनाता है।
नींद की कमी को दूर भगाता है ।
बॉडी टिश्यूज़ को हील करता है ।
ब्लड प्यूरिफाई होता है ।
हाथ, पैर, कूल्हे, रीढ़ की हड्डी, सीना आदि मज़बूत होते हैं.
नर्वस सिस्टम को बेहतर करता है ।
बी पोसिटिव एंड बी अलर्ट
अक्सर बच्चे जंक फूड जैसे पिज़ा, बर्गर, को ललचाई नजरो से देखते है । जंक फूड में भूख बढ़ाने वाली स्मैल(महक) होती है, और कई बार बच्चे इस स्मैल की वजह से भी जंक फूड खाने के आदि हो जाते है ।
दो साल या इससे अधिक उम्र के बच्चों के पेरेंट्स, बच्चे का बॉडी मास इंडेक्स (BMI )(शरीर भार सूचकांक) लगातार चेक कराए ।
परवाह के साथ इस बात का ध्यान दे कि मोटे बच्चों को अक्सर उनके साथी और परिवार के लोग चिढ़ाते हैं । मोटू, फैट मैन, थुलथुल, बोजम जैसे शब्दों से बच्चे के सेल्फकॉन्फिडेंस में कमी आती है और वह अवसाद से भी ग्रस्त हो सकते हैं।
टीवी, मोबाइल, वीडियोगेम से पहले बच्चों को आकाश और आंगन दे। जो बच्चे नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां नहीं करते, उनमें मोटापे की समस्या ज्यादा होती है । योग से आप अपने बच्चे को एक बेहतर स्वास्थ्य और मन-दिमाग दे सकते है । आपका बच्चा अगर शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्थी होगा तभी वो हसरतों की उड़ान भर सकेगा ।

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