Wednesday, May 29, 2019

History sheeter

HISTORY- SHEETER
Writer- SMRIT/8317053776/smritsingh1@gmail.com/Mumbai

Introduction
Brijesh singh (21) - Protagonist
Gama singh (48) - Brajesh'father
Maithalee rai (20)- Brijesh's opponent
Radharaman rai(50) - land lord and maithlees's father
Tribhuvan singh- maithilee's cousin
Raghuveer yadav- Gram pradhan
Raman- Maithlee'boyfriend
TATA Singh - Antagonist
Pilot -TATA Singh'son
Shivpal and sadhu - charcoal mafiya
Handle- Informant
Vishvash Nepali- Brijesh'Right hand
Rana shivendra - Tribhuvan'brother
Ansansri brothers'-mafia and politician
Harishankar Tiwari-CEO of crime
BKD-Raman'brother
Reena koirala -Miss universe of Banaras
Sahib singh- right hand of radharaman
Thakur - Bhaiya gang leader
Abhi pratap-Brijesh's brother

लॉग लाइन -ये कहानी हिस्ट्रीशीटर से माफिया बने ब्रेजेश सिंह के रंक्त रंजित सफर की है । संगठित अपराध में हिस्ट्रीशीटर का शामिल होना तो माफ़िया होने की पहली शर्त है. फिर Local Politics और Administration में दख़ल रखना दूसरी शर्त है और सबसे आखरी है ब्लैक को व्हाइट करना और जब यह तीनों फ़ैक्टर मिलते हैं, तभी किसी हिस्ट्रीशीटर को 'माफ़िया' कहा जा सकता है"

इंसान क्या चरित्र क्या सच्चाई तो बस कंलक बोलते है
         कत्ल क्या खंजर क्या खुन से सने हाथ बोलते है
साल 1984, बनारस में सबकुछ बदल गया महादेव के बाद माफिया से बनारस को आपराधिक पहचान मिली और हिस्ट्रीशीटरों के आतंक का शंखनाद हुआ।
ये वो दौर था जब गैंगवार शब्द इटली से बनारस में इम्पोर्ट हुआ । लौंडे तमंचा और दोनाली से अपनी गांड खजुवाह रहे थे और  देर रात अलका ब्रांड साईकिल चोरी हो रही थी ।
मौके, बेमौके पूरा शहर गोलियों की तड़तड़ाहट से सुन्न पड़ा  था  लेकिन ये सबकुछ तो गुरु केवल ट्रेलर मात्र है,
"बनारस को अभी जमीन विवाद, रेशम कारोबार, शराब ठेका और लाइसेंसी राज की लड़ाई में रक्तरंजित होना था और पूरे शहर में खून के चिराग जलने बाकी थे "।
बनारस, वरुणापार गाँव का पढ़ाकू और लड़ाकू ब्रेजेश सिंह बीएसी मैथ प्रथम वर्ष यूपी कालेज का युवा तुर्क है । छात्र राजनीति में चाचा चौधरी और बाहुबल से साबू वाली हनक रखता है । विश्वप्रसिद्ध रामनगर की राम लीला में जब ब्रेजेश, लंकेश रावण बनकर अट्टहास करता है तो एक बार तो भूतपूर्व यूनिवर्सिटी अध्यक्ष रमन सिंह की भी गांड चोक ले लेती है ।
रामलीला की रामायण में जानकी सीता के किरदार में अक्सर मैथली राय को देखा जाता है जो कालेज स्तर पे ब्रेजेश की सबसे बड़ी राजनीतिक विरोधी है और अध्यक्ष पद का चुनाव जीत कर यूपी कालेज में एक बार फिर से भूमिहार वर्चस्व लाने के लिए वंचनबद्ध है ।
बिहार के पूरे व्यापार मंडल के पिछवाड़े में रंगदारी का ऐसा मूठ पैना हुआ कि समस्त व्यापारी समाज को बबासीर और भकन्दर लिए हुवे  बनारस में अपना चबूतरा टिकाना पड़ा । इनमें से ही एक है मैथली राय के पिता जमीन व्यापारी राधारमण राय जिन्होंने बनारस के ग्रामीण इलाकों में काफी जमीनें खरीदी  और प्लाटिंग शब्द अस्तिव में आया ।
"सन 84 ना आता तो ऑपरेशन ब्लू स्टार न होता ,इंद्रा जी की मौत ना होती, ना, सिखों को जलाया जाता और ना ही ब्रेजेश के पिता की मौत होती और यही से ब्रेजेश का जरायम की दुनिया में श्रीगणेश होता  है जिसका सीधा संबंध "भोपाल गैस कांड" से था" ।
ब्रेजेश के पिता गामा सिंह जल विभाग में मुंशी है । गामा सिंह ने अपने सरकारी रसूख की अदावत शुरू की  तो वरुणापार गाँव मे कई पोखरे, कुवे, खोद दिए गए, जगह जगह  पानी के हैंडपंप लग गए । पूरे गाँव मे हैजा, और दूषित पानी की बीमारी से मरने वालों की संख्या में गिरावट आई । ग्रामीणों के लिए गामा गुरु सरपंच के लिए नया प्रोजेक्टेड फेस बन गए । मौजूदा सरपंच रघुवीर यादव के झाट जल गई  और वह  गामा सिंह के ख़िलाफ़ हो गए ।
गाँव के दूसरे दबंग "टाटा सिंह" जो कानपुर कोयला मंडी के माफिया शिवपाल के खजांची है। टाटा सिंह का बेटा पायलट एक उभरता दबंग है जिसका अपना गैंग है । इस बाप बेटे का गामा सिंह के साथ पुराना जमीनी रगड़ा है । एक बार इसी विवाद के चलते पंचायत ने टाटा, और  पायलट को 14 साल के लिए गांव बदर (तड़ीपार) कर दिया ।
रघुवीर यादव ने टाटा सिंह के साथ मिलकर गामा सिंह की हत्या का प्लान बनाया और पायलट ने गामा सिंह को जमीन विवाद को सेटल करने के लिए कानपुर बुलाया और उनकी हत्या कर दी गयी ।
गाँव मे खबर आई कि 84 के सिख दंगे की आग उसी दिन कानपुर में भी लग गयी जिस दिन गामा, कानपुर स्टेशन पहुचे । दंगाइयों ने गामा सिंह की मजबूत कद काठी और लंबे बाल देखकर उनको सिख समझ लिया और  बॉडी पे टायर डाल के उनको भी जिंदा ही फूंक दिया गया ।
टाटा और पायलट का वनवास पूरा हुआ और रघुवीर यादव ने उन्हें गाँव में पूरे सम्मान के साथ घर वापसी कराई । पंचायत चुनाव में ब्रेजेश ने अपने बड़े भाई अभीप्रताप को रघुवीर यादव के विरूद्ध खड़ा किया तो रघुवीर यादव के गुर्गों ने अभिप्रताप पे गोलियां चलवा दी और अभिप्रताप जीवन भर के लिए अपंग हो गए ।
ब्रेजेश को परिवार समेत रातोरात जान बचा के सारनाथ आना पड़ा। इधर यूनिवर्सिटी चुनाव में मैथिली राय ने रमन सिंह के साथ मिलकर ब्रेजेश का चुनावप्रचार सिर्फ कन्वोकेशन सेंटर तक सीमित करा दिया और ब्रेजेश चुनाव हार गया। त्रिभुवन राय, मैथली राय का चचेरा बड़ा भाई है उसे रमन और मैथली की बढ़ती नजदिकियां पसंद नहीं है क्योंकि उसे रमन के दोहरे चरित्र के बारे में पता है ।
आगे की कथा में रमन सिंह के बहकावे में आकर मैथली घर छोड़ कर भाग गई और भोपाल में रमन सिंह के साथ रहने लगी ।
कोल माफ़िया शिवपाल और उसके भाई साधु उर्फ सत्तू को रमन के हवाले से पता था कि, मैथली के पिता राधारमण राय के पास काफी जमीनें है ।
शिवपाल के साथ रमन सिंह के पारिवारिक रिश्ते थे और उनके इशारे पे ही रमन को भोपाल में ठिकाना मिला और यूनियन कार्बाइन कंपनी में कोयला आपूर्ति का ठेका उसे "पायलट" की मदद से मिल गया l पायलट और रमन दोनो पार्टनर बन गए ।
इधर मैथली को जल्द ही ये समझ आ जाता है कि रमन सिंह ने उससे शादी सिर्फ जमीन हथियाने के लिये की है । रमन ने मैथली के जाली सिग्नेचर बना के कोर्ट में उंसके पिता राधारमण राय के खिलाफ सम्पति बटवारे का मुकदमा ठोक दिया है ।
फर्जी कागजात दिखा के रमन, शिवपाल और साधु ने राधारमण राय के कई प्लाट को बेच देते है । राधारमण राय लोकलाज के डर से विरोध नही करते क्योंकि उन्हें यही लगता है ये सब मैथली के इशारे पे हो रहा है । राधा रमण के विरोध न करने से रमन और साधु का मन बढ़ जाता है और राधारमण की बाकी बची जमीन पे भी अवैध तरीके से कब्जा करने की कोशिश करते है ।
अबकी त्रिभुवन सिंह और राधारमण आरपार के मूड में है और मैथली की हत्या करने के लिए ब्रेजेश  को उकसा देते है और बदले में 10 हजार  रुपये भी देते है । ब्रेजेश भी मैथली से बदला चाहता है । वह अभिप्रताप को 10,000 रूपय देकर बिना बताए घर से लापता हो जाता है और नए नाम से भोपाल के यूनियन कार्बाइन प्लांट में मजदूरी करने लगता है । यही उसकी मुलाकात रमन  के खास गुर्गे "हैंडल"  से होती है जिसको अपने साथ मिलाकर वह रमन के घर की रेकी शुरू करता है ।
अभीप्रताप ब्रेजेश की दिए पैसों से - अलका ब्रांड की साइकिल की दुकान खोल लेते है और घर की आर्थिक स्थिति सुधरती है ।
मैथली रमन सिंह को पुलिस में जाने की धमकी देती है और उसे खूब हड़काती है लेकिन रमन उसकी एक नहीं सुनता उल्टे उसे जान से मार देने की धमकी देता है।
दारू के नशे पे पायलट, रमन से बताता है कि कैसे उसने सिख दंगो की आड़ में ब्रेजेश के पिता की हत्या की थी और उसी तर्ज पे वह रमन को मैथली की भी हत्या करके उसे दुर्घटना का रूप देने को बोलता है। ये बात मैथली सुन लेती है ।
एक दिन अचानक जब मैथली अकेली रहती है तो ब्रेजेश धमक जाता है । ब्रेजेश कत्ल करने जा ही रहा था कि मैथली उसके पिता की मौत का राज बता देती है । ब्रेजेश अपने पिता के कातिलों का हत्यारा बनने को तैयार है ।  मैथली उसकी जान बख्श देने और पायलट के साथ रमन को मारने को बोलती है जिसकी एवज में वह उसे 50 हजार रुपये देने की पेशकश करती है ।
रमन सिंह और पायलट अक्सर यूनियन कार्बाइन में  आते जाते रहते है और एक दिन जब दोनो प्लांट से पैसे का लेनदेन कर वापस आ रहे होते है तो प्लांट में ज़हरीली गैस का रिसाव हो जाता है ।
ब्रेजेश को मौका मिलता है रमन और पायलट से बदला लेने का । ब्रेजेश रमन और पायलट सिंह की हत्या कर उन्हें यूनियन कार्बाइन के कचरे वाले डंप ज़ोन में छोड़ देता है। गैस के रिसाव से रामअवध और पंचदेव की पूरी बॉडी खत्म हो जाती है सिर्फ खोपड़ी के अवशेष से उनकी शिनाख्त होती है। सबको यही लगता है कि रमन और पायलट की मौत जहरीली गैस से हुई है ।
टाटा सिंह पायलट की खोपड़ी का दाह संस्कार करने जाता है तो वहाँ पहले से मौजूद ब्रेजेश सिंह टाटा को भी मौत के घाट उतार कर अपने पिता का बदला लेता है और अंडरग्राउंड हो जाता है ।
वरुणापार हत्याकांड
इधर वरुणापार गाँव मे ग्राम प्रधान रघुवीर यादव की गांड चोख ले ली है । उसे पता है कि अब अगला नंबर उसका है । अभी वह कुछ कर भी पता कि ब्रेजेश रघुवीर यादव समेत परिवार के 8 लोगो की नृशंश हत्या करता है जिसमे 2 नाबालिक भी होते है।
हत्या के बाद ब्रेजेश अलका ब्रांड साइकिल से भाग ही रहा होता है कि नाके पे चौकसी कर रही पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है जो आजकल साइकिल चोरों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है ।
पुलिस पहले तो लंकेश को साइकिल चोर समझ के उसकी बमचिक तोड़ाई करती है बाद में साइकिल जब्त करती है । पुलिस कस्टडी में ब्रेजेश की मुलाकात  विश्वास नेपाली से होती है जो तमंचा दिखाने में अंदर हुआ है । पुलिस को  वायरलेस पे वरुणापार में हुवे नरसंघार की खबर मिलती है । वह ब्रजेश से 50 रुपये की घुस लेकर उसके साथ साथ विश्वास नेपाली को भी छोड़ देती है । पुलिस वाले अपनी जीप से वरुणापार निकल जाते है बिना ये समझे कि उस हत्या कांड को करने वाला ब्रेजेश ही है । FREEZE

HISTORYSHEETER SEASONE 2

"अपराध एक ऐसा दलदल है जिसमें एक बार घुसने के बाद कई बार ख़ुद को ज़िंदा रखने के लिए अपराधी नए अपराध करता चला जाता है."
साल 1986,अभिनेत्री रीना कोईराला का बचपना बनारस की पटिया दार गलियों में ही बीता । नेपाल में  मॉवोवादी नेता प्रचंड की दखलंदाजी से राजशाही मुह में ले रही थी और राजनीति, भारत बनाम चाइना के साथ भी थ्रीसम करने को मचल रही थी । इसी राजनीतिक उठापठक में पूर्व प्रधानमंत्री बिसेन कोइराला और उनकी बेटी रीना कोइराला (62) को रॉ (RAW) वालो ने राजनीतिक शरण के बहाने परिवार समेत बनारस लाकर टांग दिया ।
रीना कोइराला बनारस की ब्रह्मांड सुंदरी थी .  जब बनारस भांग के नशे पे बुत था तो वह 16 वर्षीय अल्हड़ बियर पीती थी और फ्रेडी मर्करी का गीत बनारस की बेलगाम गलियों में गाती रहती ।  "we are the champion my friends we will flight till the end"
लेकिन बनारस का मिज़ाज बदल रहा था, बालक गांड धोना बाद में, तमंचा दिखा के गांड मारना पहले सीख रहे है। इन्ही लौंडे में एक है महा भोसड़ी विश्वास नेपाली (18)  । विश्वास नेपाली कालांतर में अभिनेत्री रीना कोइराला के घर में नौकर था । विश्वास नेपाली, रीना का हम उम्र था, बियर खरीदने और कुल्हड़ में रीना को बियर पिलाते पिलाते उसे रीना से प्यार हुआ लेकिन रीना को बनारस से नहीं बंबई से प्यार था । वो चली गयी इस वादे के साथ की बनारस आकर विश्वास नेपाली से मिलती रहेगी ।
विश्वास नेपाली की बहन सप्तसागर दवा मंडी में मज़दूरी करती थी और एक दिन मजदूरी ना मिलने से वह गोदाम में ही दवा का बंडल चबा के हमेशा के लिए चीर निद्रा में सो गयी या फिर उसे सुला दिया गया । बाकी मजदूरों का कहना था कि निर्मल सेठ की बुरी नजर नेपाली की बहन पे थी अक्सर उसे नशे के इंजेक्शन दिया करता था । जब विश्वासनेपाली ने बहन का बदला लेने के लिए दवा कारोबारी निर्मल सेठ (40) पे तमंचा सटाया तो पुलिस वाले उसे ससुराल उठा ले गए। कारोबारी निर्मल माफिया हरिशंकर तिवारी का करीबी था।
माफिया हरिशंकर तिवारी (58)जरायम इंडस्ट्री के प्रथम सीइओ थे । 1985 में हरिशंकर तिवारी  ने जेल की दीवारों के भीतर से चुनाव जीता और भारतीय राजनीति में 'अपराध' के सीधे प्रवेश का दरवाज़ा खोल दिया.
ब्रेजेश जिस रात सिकरौरा हत्याकांड कर के पुलिस के हत्थे चढ़ा था उसी दिन विश्वास भी तमंचा सटाने के मामले में पकड़ में आया था । ब्रेजेश और विश्वास की गांड पे पुलिस वालों ने तबतक सोटा चलाया जबतक की गांड की पहली परत ना उधड़ गयी लेकिन विश्वासनेपाली मज़े से  "we are the champion my friends we will flight till the end" गीत को रीना की याद में गाता रहा ।
ब्रेजेश को गीत के कुछ शब्द जब समझ आये तो उसकी आखों से टेसू टपक पड़े। ब्रेजेश भी नेपाली के साथ गीत बुदबुदाने लगा और जब वरुणा पार हत्याकांड की खबर पुलिस को लगी तो ब्रेजेश के 50 रुपये की घुस से नेपाली भी फरार हो गया ।  आज विश्वास नेपाली ब्रेजेश का मोस्ट वांटेड शूटर है और ब्रेजेश के गैंग में नए लड़कों को भर्ती करता है ।
यूपी कालेज और पुलिस भर्ती में छटा गए रंगरूट लौंडे रीबॉक का जूता, रेबिन का चश्मा, लेदर जैकेट और बुलेट के नाम पे जरायम की दुनिया से जुड़ गए । आगे चलकर ब्रेजेश के ये नए गुर्गे इतने हरामी निकले की पुलिस को झाट का बाल समझते और किसी को भी राह चलते निपटा देते ।  
त्रिभुवन राय का भाई शिवेन्द्र राणा (27) आई पी एस हो गया । इलाहाबाद में पोस्टेड हुआ तो अक्सर शिवपाल और साधु गैंग के कई अवैध ट्रक पकड़े जाने लगे ।
हरिशंकर तिवारी का राइट हैंड साहिब सिंह (36) को राधारमण राय ने अपना नमक चटवा दिया । साहिब सिंह ने गोरखपुर में तूती बोलती थी । चुल्लु पार सीट जो हरिशंकर तिवारी की बपौती सीट थी इस बार चुनाव में राधारमण राय ने साहिब सिंह की मदद से उस सीट से अपनी दावेदारी ठोक दी ।
ब्रेजेश को जब त्रिभुवन और साहिब सिंह का साथ मिला तो उसकी हिम्मत ऐसी गरमाई की जबरन रेशम, शराब के टेंडर हासिल करने लगा और किसी भी सरकारी और विवादित जमीन पे सबसे पहला कब्जा और बोर्ड उसी का लगने लगा ।
रेता, बालू के अवैध खनन, PWD और रेलवे स्क्रेब के ठेकों पे अंसारी बंधुओ (अफज़ल*38 मुख़्तार*24) का बोल बाला था । जब ब्रेजेश और त्रिभुवन ने मुख्तार अंसारी के साम्राज्य में भी बास डालना शुरू किया तो हरिशंकर तिवारी की गोद मे मुख्तार ने अपनी गन रख दी । उन्होंने ने शिवपाल और साधु गैंग को मुख्तार को तैयार करने को बोला ।
दोनो तरफ से गोलियां चली लेकिन ब्रेजेश के नये लौंडो ने अपने रीबॉक के जूते से साधु और मुख्तार गैंग के गुर्गों को खूनिया दिया ।
इस बीच "शिवपाल का भाई साधु त्रिभुवन के भाई शिवेन्द्र राणा के हत्थे चढ़ गया जो आईपीएस था  । साधु की कद काठी ढीली कर दी गयी। साधु 6 महीने बाद जेल से सिफलिश की बीमारी ले के आया / इस बात की भी अपनी एतिहासिक गुंडई है । ये बीमारी अमेरिकन्स द्वितीय विषयुद्ध से लौटने के बाद लाये थे । जिसके बाद ही जेल प्रशासन जागा और ये खबर पुख्ता हुई कि नैनी जेल में ब्रेजेश के गुर्गों ने सेक्स बुझाने के लिए साधु की ही गांड मार ली।"
पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी सप्तसागर में हर रोज लाखों का धन्धा होता था । जिसका कमिसन सीधा हरिशंकर तिवारी के खाते में जाता लेकिन विश्वास नेपाली ने ब्रेजेश के कहने पे सप्तसागर मंडी मे एके 47 से ऐसी खूनी दीवाली मनाई की बनारस में खून के चिराग़ जल उठे । विश्वास नेपाली ने निर्मल सेठ के शरीर में 80 छेद किये जाने से पहले उससे इतनी बार मूठ मरवाया कि आखिर में वीर्य की जगह खून आने लगा । अब व्यापारियों में ब्रेजेश का खौफ इतना है कि चित्रहार खत्म होने से पहले ही रंगदारी की रकम ब्रेजेश के अहाते में तौल दी जाती ।
बोफोर्स तोप खरीदने के चक्कर मे प्रधानमंत्री राजीव गांधी बिक गए और सरकार गिर गयी । फिर देश मे राजा नहीं फ़क़ीर आया । नए प्रधानमंत्री वीपी सिंह पिछड़ो के लिए आरक्षण माँ की पेट से लाये तो आरक्षण के मुद्दे पे अगड़ी और पिछड़ी जातियों के हजारों स्टूडेंट्स पेलम पाल करने आमने सामने आ गए  ।मंडल के हड़कम में हरिशंकर तिवारी, शिवपाल, साधु और मुख्तार बंधुओं को अपने विरोधियों पे हमला करने मौका दे दिया ।
जेल से निकलते ही साधु ने मुख्तार के साथ मिलकर त्रिभुवन के भाई शिवेंद्र राणा को पुलिसिया लाइन में दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया और दूसरे दिन गांडीव में खबर आयी कि मंडल कमीशन का विरोध कर रहे और उसका समर्थन कर रहे छात्रों की बीच हुई हिंसा में आईपीएस शिवेन्द्र राणा की मौत ।  त्रिभुवन और ब्रेजेश अभी कुछ कर ही पाते कि गोरखपुर की एक रैली में राधारमण की कार को भड़की भीड़ ने फूक दिया और राधारमण खाक हो गए ।
अब बारी ब्रेजेश की है - ब्रेजेश के गुर्गों के आगे पूरा प्रशासन हग देता है साधु के चक्कर में बनारस के कुछ ऐसे नामचीन लोग निपट जाते है जिनका सिर्फ साधु से नाम भर का याराना था । श्मशान में साधु के गुर्गों की लाशें भर भर के आ रही है और जलाने को लकड़ियां कम पड़ जाती है । राज्य सरकार आनन फ़ानन में गुंडा एक्ट लाती है और ब्रेजेश की धड़पकड़ शुरू होती है । मूक दर्शक बनी पुलिस मैदान में उतरती है तो हरिशंकर तिवारी साधु को पुलिस के सामने सरेंडर करा देते है क्योंकि खतरा साधु पे सबसे ज्यादा था और बाहर से ज्यादा साधु जेल में सुरक्षित था ।
साधु के पकड़े जाने के बाद मामला कुछ दिनों के लिए शांत रहता है  । त्रिभुवन मैथली की शादी ब्रेजेश से करा अपनी दोस्ती और बिज़नेस को पुख्ता करना चाहता है वही मैथली हरिशंकर तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती है । त्रिभुवन मैथली को बताता है कि  ब्रेजेश से शादी होने के बाद अगर वो हरिशंकर तिवारी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेगी तो ठाकुर और भूमिहार एक हो जायेगे और शिवशंकर तिवारी की चुनाव हार जाएगा  ।
इधर जेल में साधु की मुलाकात मैथली के पूर्व पति रमन के भाई बीकेडी(22)  से होती है । बीकेडी को हैंडल ने बताया था कि उसके भाई को मरवाने में मैथली और ब्रेजेश का हाथ है । तबसे वह जेल में रह कर हत्या करने वाले हरामियों की भर्ती कर रहा है और  ब्रेजेश और मैथली को मारने का मौका ढूंढ रहा है ।
उसे मौका देता है साधु । शिवपाल की मदद से बीकेडी ब्रेजेश की शादी में पहुचता है और मैथली पे गोली चला देता है । त्रिभुवन के बीच मे आ जाने से  गोली उसे लग जाती है । त्रिभुवन काफी वक्त के लिए कोमा में चला जाता है, ब्रेजेश को छुपना पड़ता है और चुनाव में मैथली राय की जमानत जब्त हो जाती है ।
मैथली को चुनाव में हराकर हरिशंकर तिवारी फिर से विधायक बनते है और बनारस से मुख्तार का भाई अफ़ज़ल अंसारी चुनाव जीत जाता है । राजनीति सर् परस्ती में मुख़्तार गैंग और पुलिस ब्रेजेश गैंग पे हावी होती है । राजनीतिक दबाव में  हैंडल को सरकारी गवाह बना के ब्रेजेश के खिलाफ रमन, पायलट,टाटा, की हत्या और वरुणा पार हत्याकांड की चार्टशीट दाखिल की जाती है । मैथली और ब्रेजेश को अंडरग्राउंड होना पड़ता है और गैंग की कमान अब साहिब सिंह के हाथ में है । इस बात से विश्वास नेपाली नाराज है क्योंकि की उसकी साहिब सिंह से नहीं जमती ।
ठाकुर(32) बम्बई के सबसे बड़े भइया गैंग का लीडर है और रीना कोइराला की पहली फ़िल्म के सुपरहिट होने के बाद मनीषा से एक्सट्रोसन मनी मांगता है और ना देने पे जान से मारने की धमकी देता है । उसकी बात को रीना कोइराला का मैनेजर संजीव अग्रवाल अनसुना कर देता है ।
ठाकुर ही तस्करी की हुई घड़ियां, जैकेट ,चश्मे और रीबॉक के जूते ब्रेजेश को सप्लाई करता था । फ़िल्म हिट हो जाने के बाद रीना कोइराला बनारस आती है । ठाकुर (32) बनारस में ही रीना कोइराला को टपकाने के लिए ब्रेजेश से मदद लेता है जिसके बदले वह ब्रेजेश को मुबई में छिपाने की डील करता है ।
बनारस में एक समारोह के दौरान में रीना कोइराला बम्बई से आती है जहाँ ब्रेजेश के कहने पे साहिब सिंह रीना पे गोलियां चलाता है जिसमे मैनेजर संजीव अग्रवाल मारा जाता है और बिना किसी लाग लपेट के रीना, ठाकुर को पैसे दे देती है । लेकिन जब ये बात विश्वास नेपाली को पता चलती है कि रीना पे गोलिया ब्रेजेश ने चलवाई तो वह ब्रेजेश की खिलाफ हो जाता है और मुख़्तार के राइट हैंड बजरंगी (20) के साथ मिलकर ब्रेजेश के कई गुर्गों को मार देता है । साहिब सिंह की हत्या होते ही, बनारस में ब्रेजेश की लंका लग जाती है और उसे जान बचा के बम्बई भागना पड़ता है । मुख़्तार अंसारी और विश्वास नेपाली बनारस में ये ख़बर फैलाने में कामयाब होते है कि गैंग वॉर में साहिब सिंह के साथ ब्रेजेश भी मारा गया ।
Season 3 Highlights
Brijesh singh with thousand faces
त्रिभुवन को होश आता है और वह ब्रेजेश से सम्पर्क करता है । साधु की पत्नी को लड़का होने वाला है उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता है अपने लड़के को देखने के लिए जेल से साधु हॉस्पिटल पहुचता है और यही पुलिस के भेष में पहले से बैठा ब्रेजेश उसकी हत्या करता है.
त्रिभुवन सिंह शिवपाल समेत पूरी गैंग को मौत के घाट उतार देता है ।
विश्वास नेपाली नेपाल भाग जाता है । मुख़्तार अंसारी और हरिशंकर तिवारी की गांड चोक ले ली है।
उनके कहने पे पुलिस कस्टडी में हैंडल गवाही देने कचहरी जाता है जहाँ  साहिब सिंह का बेटा अजय खलनायक उसपे गोलियां चलाता  है ।
हैंडल मजिस्ट्रेट के केबिन में जान बचा ने के लिए घुस जाता है जहाँ पहले से मौजूद ब्रेजेश उसकी हत्या कर मजिस्ट्रेट के भेष में कचहरी से निकल जाता है ।
FREEZE





No comments:

Post a Comment