STORY - THE HEROES HAVE NO LUCK
WRITER - SMRIT SINGH
E-Mail - smritsingh1@gmail.com
Premise - The heroes have no luck
Log line - भारत के ऐसे गुमनाम धर्मनिरपेक्ष क्रांतिकारी योद्धाओं की कहानी जिनकी योजना सफल होती तो भारत का स्वतंत्रता दिवस 21 फरवरी 1915 होता ।
SEASONE - ONE
Episode 1905- में बंगाल का विभाजन हो गया । मुस्लिम बहुल इलाके को अलग करके अंग्रेज सरकार फुट डालो राज करो कि नीति की शुरुआत करती है । भूमिगत क्रांतिकारी संगठन "वंदे मातरम" इस बात से बेहद नाराज है और कुछ विस्फोटक करना चाहता है । ब्रिटिश सरकार क्रांतिकारी गतिविधियों पे नजर रखने के लिए सीआईडी का गठन करती है ।
Episode 2सीआईडी की टीम लोकल सपोर्ट से कई क्रन्तिकारियो को पकड़वा देती है । मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड ने क्रन्तिकारियो को बहुत कठोर सजाए सुनाई । बहुत से क्रांतिकारियों को बंगाल से भाग कर बनारस (वाराणसी) में शरण लेनी पड़ती है ।
Episode 3बंगाल के क्रांतिकारी बाघा यतिन (25 ) देहरादून फारेस्ट डिपार्टमेंट में काम कर रहे रासबिहारी (22) बोस से संपर्क करते है । उसे बनारस में संगठन की कमान सम्हालने को बोलते है । रास बिहारी एक क्रांतिकारी है जो क्रुड बम बनाने में माहिर है । वो एक बम बाघा यतिन को देते है किंग्सफोर्ड की हत्या करने के लिए ।
Episode 4बंगाल क्रांति की कमान अब बाघा यतिन के हाथ मे है । वह हथियार बनाने वाली राडा कम्पनी के हथियारों की पूरी खेप को रातों रात गायब करवा देता है । पूरे ब्रिटिश हुकूमत में हड़कम मच जाता है । अभी ब्रिटिश पुलिस इस डैकती को सुलझा पाती की बाघा यतिन के खास साथी खुदीराम बोस(18) और प्रफुल्ल चाकी (19) किंग्सफोर्ड की बग्घी पे बम फेंकते है । किंग्सफोर्ड बच जाता है लेकिन उंसके अंदर ऐसा डर समा जाता है कि कुछ ही दिनों में उसकी मौत हार्ट अटैक से हो जाती है ।
Episode 5 इसी तर्ज पे लाहौर का एक क्रांतिकारी अवध बावरा (17) ग़दर पार्टी के क्रन्तिकारी नेता लाला हरदयाल (30) के सम्पर्क में आता है और लारेंस गार्डन में अंग्रेज अधिकारी डेविड सिग्लर पे बम फेंकता है जिसमे सिग्लर की मौत हो जाती है । सीआईडी टीम मुखबिर की मदत से अवध बावरा की खोज में कलकत्ता के लिए निकलती है।
Episode - 6इधर एक खबरी के माध्यम से पुलिस को प्रफुल्ल चाकी और खुदीराम का पता चल जाता है । पुलिस से घिरा चाकी खुद को गोली मार लेता है और खुदीराम को पकड़ लिया जाता है । उपनिरीक्षक एनएन बनर्जी ने "चाकी" का सिर काट कर उसे सबूत के तौर पर मुजफ्फरपुर की अदालत में पेश किया। यह अंग्रेज शासन की जघन्यतम घटना थी । खुदीराम को फाँसी दे दी जाती है ।
Episode 7 वाराणसी, सचिन सान्याल (19) की मुलाकात बंगाल से बनारस आये क्रांतिकारीयो होती है जिनकी कमान रासबिहारी बोस के हाथ में है । सचिन सान्याल रास बिहारी के कहने पे संगठन का प्रचार करने लाहौर जाता है जहाँ उसकी मुलाकात नेशनल स्कूल में पढ़ने वाले लड़के भगवती वोहरा(16) जयचन्द्र विद्यालंकार (17) से होती है ।
Episode 8 लॉरेंस बम धमाके के मास्टरमाइंड लाला हरदयाल को देश निकाला हो जाता है और वो अमेरिका चले जाते है । अवध भूमिगत होकर कलकत्ता से दिल्ली के मास्टर अमीरचंद (24) के पास चला जाता है जो खुद एक क्रांतिकारी नेता है और लाला हरदयाल के चले जाने के बाद संगठन की जिम्मेदारी सम्हाल रहे है ।
Episode 9 बंगाल में जर्मनी के राजा आते है जहाँ बाघा यतिन उनसे मिलता है । राजा, बाघा यतिन को जर्मनी से हथियार और गोला बारूद बहुत कम कीमत में देने का वादा करते है । जर्मन से हथियार लेने के लिए पैसों की जरूरत है । बंगाल में 200 ब्रिटिश अफसरों की मौत और 500 डकैतिया का ऐसा सिलसिला शुरू होता है कि वायसराय लार्ड हार्डिंग को भी अपनी जान का खतरा हो जाता है । 1911-12 में ब्रिटिश इंडिया की राजधानी दिल्ली कर दी जाती है और लार्ड हार्डिंग दिल्ली रवाना हो जाता है ।FREEZ
SEASON 2 - Downfall
Episode 1 सीआईडी पुलिस को कलकत्ता में अवध बावरा के ठिकाने का पता चल जाता है और वह दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना देते है । रासबिहारी बोस, मास्टर अमीरचंद, बसंत विश्वास, अवध बिहारी बालमुकुंद, सचिन सान्याल लार्ड हार्डिंग के काफिले को दिल्ली में बम से उड़ाने का प्लान बनाते है । बसंत लार्ड हार्डिंग के काफिले पे बम फेंकता है लेकिन लार्ड हार्डिंग किसी तरह बच जाता है ।
Episode 2 बसंत भाग कर बंगाल चला जाता है, रासबिहारी बोस और सचिन सान्याल, भगवती वोहरा की शादी में लाहौर चले जाते है बालमुकुंद (17) शाहजहांपुर में अपने एक मित्र राम प्रसाद बिस्मिल (15) के घर ठहरता है । अवध, अमीर चंद के साथ दिल्ली में ही रहता है ।
Episode 3 लॉरेंस गार्डन बम कांड में आरोपी अवध को खोज रही पुलिस को एक साथ दो सफलता हाथ लगती है । अमीरचंद के घर से अवध बिहारी पकड़ा जाता है और वहाँ मिले बम के खोको से ये बात भी साबित हो जाती है कि लार्ड हार्डिंग पे भी बम फेंकने वाले में भी इनका हाथ है । इसी को आधार बनाकर बसंत को भी बंगाल से गिरफ्तार किया जाता है तीनो को मौत की सजा होती है । रासबिहारी बोस, सान्याल, बाल मुकुंद फरार है ।
Episode 4 भगवती वोहरा (16) की शादी, दुर्गा देवी (13) से होती है । यही पहली बार रासबिहारी बोस और सान्याल की मुलाकात भगत सिंह (11) सुखदेव ( 11) से होती है जो भगवती के स्कूल के जूनियर है । शादी के दौरान ही रास बिहारी बोस को संदेश प्राप्त होता है कि अमेरिका कनाडा और दूसरे देशों में रह रहे 10,000 अप्रवासी भारतीय, लाला हरदयाल (30) और करतार सिंह (19) के आवाहन पे भारत को आजाद कराने के लिए आने वाले है ।
Episode 5 जर्मनी और इंग्लैंड की बीच जंग छिड़ चुकी है । ब्रिटिश भारतीय सैनिक युद्ध लड़ने देश से बाहर जा रहे है । मौके का फायदा उठाकर क्रन्तिकारियो ने तय किया कि 21 फरवरी 1915 को भारत की समस्त सैनिक रेजीमेंट में विद्रोह कराया जाएगा । ग़दर पार्टी के हथियार बंद 10000 क्रन्तिकारियो को लेकर करतार सिंह, रासबिहारी बोस और सचित्र सान्याल पंजाब और यूनाइटेड प्रोविंस को आजाद कराएंगे वही बंगाल का जिम्मा बाघा यतिन को दिया गया जो जर्मनी की मदत से हथियार बंद क्रांति करने वाले थे।
Episode 6 चेकरिपब्लिक का एक जासूस इमेनुअल विक्टर वोस्का जो जर्मनी में था उसे इस पूरे प्लान की खबर हो जाती है की जर्मनी भारत के क्रांतिकारियों को हथियारों की मदद करने वाला है । विक्टर अमेरिका का भी डबल एजेंट है और ये खबर अमेरिका को मिली, अमेरिका से अंग्रेजों को मिली, इंगलैंड से खबर भारतीय अधिकारियों के पास आई और उड़ीसा का पूरा समुद्र तट सील कर दिया गया। एक मुठभेड़ में बाघा यतिन को मार दिया गया ।
Episode 6 इधर इस वारदात के बाद सीआईडी और पुलिस सतर्क हो गयी । सभी बंदरगाहों पे आ रहे भारतीयों को हिरासत में लिया गया। करतार सिंह सराभा और विष्णु गणेश पिंगले कोलकत्ता पहुचने में कामयाब हुवे और वहाँ से होते हुवे बनारस में रासबिहारी बोस के पास पहुचे ।
Episode 7 बहुत से क्रांतिकारियों के पकड़े जाने के बाद भी रास बिहारी बोस, करतार सिंह,सचिन सान्याल ने भारत के सैनिक रेजिमेंट में भारतीय सैनिकों को विरोध में साथ देने के लिए राजी करते रहे । इसके उलट एक गदद्दार करम सिंह के माध्यम से अंग्रेज अधिकारियों को सैनिक विद्रोह की बात पता चल गई और सभी रेजिमेंट से हथियारों को गायब कर दिया गया ।
Episode 8 एक रेजीमेंट के रिसालदार गण्डा सिंह जो करतार सिंह का खास था उसने उन्हें धोखा दिया और पकड़वा दिया । 15 फरवरी को सैनिक रेजिमेंट में मामूली विद्रोह हुआ जिसे दबा दिया गया और देश द्रोह के आरोप का सिलसिला शुरू हुआ जो करतार सिंह और पिंगले की फांसी और करीब 300 लोगों के काले पानी की सजा पे खत्म हुआ । सघन अभियान चलाते हुए सीआईडी की टीम ने सचिन सान्याल को भी पकड़ लिया लेकिन रासबिहारी बोस एक बार फिर भागने में सफल हो गए और जापान चले गए । सान्याल को काले पानी की सजा दी गई ।
SEASONE -3
The revolution demands blood and gives birth to heroes .
Episode 11915, यूनाइटेड प्रॉविंस प्रथम विश्व युद्ध समाप्त होने पे एक अंग्रेज एंड्रूज जो दीनबंधु के नाम से प्रसिद्ध है उनकी पहल पे कई राजनीतिक कैदियों की रिहाई होती है और सचिन सान्याल भी रिहा होते है । सान्याल, बिस्मिल के साथ कई अन्य सदस्य भी गांधी के असहयोग आंदोलन होने तक किसी भी तरह की क्रांतिकारी गतिविधि ना करने का वचन देते है । अपने एक साथी बनारसीलाल के साथ मिलकर बिस्मिल कपड़े का बिज़नेस करने लगते है ।
Episode 2 गांधी के असहयोग आंदोलन के दौरान बिस्मिल की मुलाकात अशफाक और चंद्रशेखर आजाद से होती है ये सभी गांधी के आंदोलन में बढ़ चढ़ के हिस्सा लेते है लेकिन चौरा चौरी में ब्रिटिश सिपाहियों ने निहत्थे किसानों को मार दिया जिसके विरोध में गाँव वाले पुलिस थाने को जला देते है और गांधी जी आंदोलन वापस ले लेते है ।गांधी के इस कदम से रामप्रसाद बिस्मिल बहुत नाराज होते है और कांग्रेस के गया अधिवेशन में इस बात का खुले आम विरोध करते है । कांग्रेस से उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है ।
EPISODE 3 सचिन सान्याल कानपुर में भारत के सभी क्रन्तिकारियो की बैठक करते है और बिस्मिल के साथ हिंदुस्तान रिपब्लिकन असोसिएशन का गठन होता है जहाँ चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, भगवती वोहरा, सुखदेव, मन्मथ गुप्ते बाल मुकुंद और कई नए साथियों को संगठन से जोड़ा जाता है ।बिस्मिल और सान्याल The revolutionary नाम से HRA का मेनोफेस्टो तैयार करते है जिसमे पहली बार राइट टू रिकॉल की बात की जाती है और जनता को ये अधिकार दिया जाता है कि अगर वह अपने प्रतिनिधियों के काम से संतुष्ट नहीं तो समय से पहले वोटिंग करा के उन्हें उनके पद से हटा सकती है ।
Episode 4 भगत सिंह को घोषणा पत्र के प्रचार की जिम्मेदारी दी जाती है जिसमे उन्हें भगवती वोहरा की पत्नी दुर्गा का पूरा साथ मिलता है ।ब्रिटिश सरकार ने घोषणा पत्र पे प्रतिबंध लगा दिया और इसी घोषणा पत्र के साथ बांकुरा में सचिन सान्याल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दो साल जेल की सजा दी गई। उसके बाद बिस्मिल ने हथियारों की खरीदारी के लिए काकोरी ट्रेन डकैती की योजना बनाई ।
Episode 6 भगत सिंह के राजनीतिक गुरु जयचंद्र विद्यालंकार , जो खुद भी क्रांतिकारियों की जमात से जुड़े हुए थे, यह आरोप लगाया कि भगवती वोहरा सीआईडी के आदमी हैं और और उससे वेतन पाते हैं और उनकी ही वजह से सान्याल पकड़े गए । दुर्गा इस बात का खुले आम विरोध करती है और भगत सिंह जयचंद्र की बात ना सुनते हुवे दुर्गा का पूरा साथ देते है जिनसे दोनो के सम्बन्ध और मजबूत होते है।
Episode 7 रामप्रसाद बिस्मिल ट्रेन डकैती के लिए चंद्रशेखर समेत 10 लोगों की टीम गठित करते है। भगत को टीम में ना लेने के पीछे उन्हें भगवती वोहरा और दुर्गा की ये बात अच्छी लगती है कि भगत संगठन के थिंक टैंक है अगर ऑपरेशन फेल हुआ और क्रांतिकारी पकड़े गए तो संगठन को भगत सिंह लीड कर सकते है ।
Episode 8 अशफ़ाक़ ने अपने बड़े भाई रियासत उल्ला ख़ाँ की लाइसेंसी बन्दूक और दो पेटी कारतूस बिस्मिल को उपलब्ध कराये वही चन्द्रशेखर ने 4 माउजर गन का जुगाड़ किया । ट्रेन से सरकारी खजाने को लूट लिया गया । मन्मथनाथ गुप्त ने उत्सुकतावश माउजर का ट्रिगर दबा दिया जिससे छूटी गोली अहमद अली नाम के मुसाफिर को लग गयी। वह मौके पर ही ढेर हो गया। शीघ्रतावश चाँदी के सिक्कों व नोटों से भरे चमड़े के थैले चादरों में बाँधकर वहाँ से भागने में एक चादर वहीं छूट गई।
Episode 9 सीआईडी प्रमुख खान बहादुर तसद्दुक हुसैन ने पूरी छानबीन और तहकीकात शुरू की । चादर में लगे धोबी के निशान से पहला सुराग मिला। धोबियों से पूछने पर मालूम हुआ कि चादर बनारसीलाल की है। बिस्मिल के साझीदार बनारसीलाल से मिलकर पुलिस ने इस डकैती का सारा भेद ज्ञात कर लिया। बिस्मिल के साथ अशफाक, राजेन्द्र लाहड़ी, रौशन सिंह को फाँसी और 5 लोगों को उम्रकैद की सजा हुई ।
Episode 10 चंद्रशेखर पुलिस की पकड़ से आजाद रहे । चंद्रशेखर ने दुर्गा, सुखदेव, राजगुरु भगवती, बटुकेश्वर दत्त और समूचे भारत के क्रन्तिकारियो के साथ फ़िरोजशाहकोटला मैदान में एक गुप्त बैठक की और भगत सिंह की के साथ एक नए संगठन हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन असोसिएशन की स्थापना की। साइमन कमीशन का विरोध कर रहे लाला लाजपत राय पे सांडर्स द्वारा लाठी चार्ज होता है जिसे उनकी मौत हो जाती है चन्द्रशेखर की अगुवाई में भगत सिंह सुखदेव, राजगुरु बटुकेश्वर दत्त सांडर्स की हत्या करने का फैसला कर लेते है । दुर्गा का काम साथी क्रांतिकारियों के लिए राजस्थान से पिस्तौल लाना व ले जाना था । सांडर्स की हत्या कर दी जाती है ।
Episode 11 जब भगत सिंह और सुखदेव ब्रिटिश पुलिस अफसर जॉन सांडर्स को गोली मार कर आए तो दुर्गा देवी के घर रुके। उन्हें कोलकाता पहुंचाने का काम भी दुर्गा ने किया था। पुलिस से बचाने के लिए दुर्गा देवी ने भगत सिंह का रूप रंग बदलवाया और खुद को उनकी पत्नी बता कर उन्हें कोलकाता ले गर्इं।
Episode 12 आठ अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने विधानसभा में बम फेंकने के बाद खुद ही गिरफ्तारी दे दी थी. उनका मक़सद था अदालत को मंच बनाकर अपने क्रांतिकारी विचारों का प्रसार करना.चंद्रशेखर आजाद को अलफ्रेंड पार्क में उनके ही साथी ने पुलिस से मुखबिरी कर दी और मुठभेड़ में आजाद मारे गए । भगत सिंह ब्रिटिश पुलिस अधीक्षक जेपी साण्डर्स की हत्या में भी शामिल थे तो उन पर और उनके दो साथियों राजगुरू और सुखदेव पर देशद्रोह के साथ-साथ हत्या का भी मुक़द्दमा चला। भगत सिंह के जेल जाते ही दुर्गा और भगवती ने लॉर्ड इरविन की ट्रेन पर बम फेंक दिया । भगवती वोहरा की भगत सिंह को जेल से छुड़ाने के लिए बम तैयार करते वक्त फटे बम से मौत हो गयी । अंत मे भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को फाँसी और दुर्गा और बटुकेश्वर दत्त को जेल हुई।
SEASONE 4 Finale
Episode 1 दिल्ली षड्यंत्र, अलीपुर बम ब्लास्ट, ग़दर आंदोलन के मास्टरमाइंड रास बिहारी बोस के बारे में एम आई 5 को पता चलता है कि रास बिहारी बोस नकली नाम से जापान में रह रहे है। रास बिहारी बोस ब्रिटिश ख़ुफ़िया एजेंसी एमआई 5 से बचने के लिए बार बार अपना ठिकाना बदल रहे है । एम आई 5 और अंग्रेज अधिकारी जापान सरकार के साथ मिलकर रासबिहारी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करा देते है । उनकी जानकारी देने वाले को 1 लाख पाउंड की घोषणा करते है।
Episode 2 दि ब्लैक ड्रैगन सोसायटी जापान में सबसे विकराल क्रांतिकारी ग्रुप था-जो ब्रिटिश लोगों से और उनकी साम्राज्यवाद नीतियों से नफरत करता है । रास बिहारी ड्रैगन सोसायटी के चीफ़ तोयामा मितसुरू से हाथ मिला लिया और मित सुरू रासबिहारी को अपने ही एक साथी की बेकरी में छुपने की जगह देते है.एक ब्रिटिश शिप में बेकरी मालिक की बेटी सोमा साफ सफाई का काम करती है जो गुप्त रूप से ब्लैक ड्रेगन के लिए काम करती है जिसका मुख्य काम अंग्रजो की गतिविधियों पे नजर रखना है ।
Episode 3 रास बिहारी बोस को सोमा से पता चलता है कि ब्रिटिश शिप पर उनसे जुड़े कागजात रखे है जहाँ वह काम करती है। सोमा के साथ मिलकर रास बिहारी उस शिप में आग लगा देते है। उनसे जुड़े सभी कागजात भी जलकर खाक हो गए. जापान सरकार ने भी डिपोर्टेशन का ऑर्डर वापस ले लिया । रास बिहारी और सोमा को प्यार हो जाता है । रासबिहारी को जापानी नागरिकता मिल जाती है और दोनो शादी कर लेते है।
Episode 4 इसी बेकरी में रहने के दौरान रासबिहारी वहा के खानसामों को नाकामुराया इंडियन करी की रेसिपी बताई जो जापान के घर घर मे फेमस हो गयी । बाद में सोमा और रासबिहारी ने उसे पेटेंट कराया जो यूरोपियन करी के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय हुई ।
Episode 5 द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी और ब्रिटेन एक बार फिर आमने सामने है इस बार जापान जर्मनी के साथ है और तोयामा मितसुरू के कारण रास बिहारी ने जापान सरकार में भी अपनी पैठ बना ली है।1942 में जापान ने सिंगापुर में ब्रिटिश आर्मी को धूल चटा दी और ब्रिटिश भारत पे कब्जा करने के उद्देश्य से रास बिहारी से सम्पर्क साधा ।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल के नजर में ये ब्रिटिश अंपायर के इतिहास की सबसे बड़ी और अपमान जनक हार थी ।
Episode 6 सुभाष चन्द्र बोस जर्मनी और इटली से भारत को अंग्रजो के खिलाफ युद्ध मे साथ देने के लिए हिटलर और मुसेलनी को मनाने की जुगत में लगे हुवे है । जापानी - ब्रिटेन युद्ध मे लगभक 1 लाख ब्रिटिश फौजियों को बंदी बनाया गया जिसमें अधिकतर भारतीय थे ।रासबिहारी बोस ने इंडियन इंडिपेंडेंस लीग की स्थापना की और भारतीय सेना बनाने का प्रस्ताव रखा । जापान सेना के मंत्री और मेजर फुजीवारा आजाद हिंद फौज बनाने का मौसौदा तैयार करते है ।
Episode 7 युद्ध बंदी भारतीय सैनिकों की कमान कैप्टन मोहन सिंह को सौंपी गयी लेकिन मोहनसिंह और रासबिहारी में दरार आ गयी क्योंकि मोहन सिंह को लगता था कि रासबिहारी बोस भारतीयों से ज्यादा जापान सरकार के हितों का ध्यान रख रहे है । जापान सरकार ने मोहन सिंह को सेना प्रमुख से बर्खास्त कर दिया । रास बिहारी बोस फरवरी 1944 में फेफड़ों की बीमारी से गंभीर रूप से बीमार हो गए। मोहन सिंह के हटाये जाने के बाद भारतीय सेना में विद्रोह होने की प्रबल सम्भावना थी ।
Episode 8 रास बिहारी ने सीधे जर्मनी में रह रहे सुभाष चंद्र बोस से सम्पर्क साधा । सुभाष बाबू की लोकप्रियता उस समय अपने चरम पे थी । रासबिहारी ये जानते थे कि सुभाष बाबू ही एक ऐसे इंसान है जो आजाद हिंदी फौज की कमान सम्हाल सकते है और भारतीय सैनिकों को अंग्रजो के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित कर सकते है ।
Episode 9 सुभाषचंद्र के आते ही रासबिहारी ने आजाद हिंद फौज की कमान उन्हें सौप दी और फिर भारतीय और जापान सेना के संयुक्त अभियान ने अंग्रजो को बर्मा के बाहर तक खदेड़ दिया । अंडमान निकोबार की भारतीय धरती पर पहली बार भारतीय तिरंगा लहराया । डॉक्टरों ने रासबिहारी को अस्पताल में भारत विजय की सूचना दी और उनकी भूख के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि नर्सें मुझे मेरा देश आजाद होने के बाद भी प्रिय खाना खाने ही नहीं देतीं, तो मुझे भूख कैसे लग सकती है? डॉक्टर ने पूछा कि आपको क्या खाना पसंद है, तो उन्होंने कहा था- नाकामुराया की इंडियन करी । उन्होंने वो करी चखी और चहरे पे अभिमान और गर्व लिए इस दुनिया से विदा हो गये ।
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