Thursday, August 4, 2016

My Stetus by Smrit k Singh

दिल की बाजी में अक्सर दौलत असर छोड़ जाती है।
किसी को बेवफा तो किसी को तन्हा छोड़ जाती है।।

दिल तो  मेरा था,बिल्कुल तेरे दिल सा था।
फिर क्यों वो टुट गया ,टूट के तुझसे रूठ गया।।

मेरे पास जो था ,वो दे दिया।अब जोड़ दो या तोड़ दो।

कभी यहाँ तो कभी वहा नज़र आती हो
बस कभी कभी मेरी ओर नज़र आती हो.

टूटती सांसे ही सही बस दिल धड़कना चाहिए.
   इंनकार ही सही बस दीदार होना चाहिए.
          एकतरफा ही सही बस प्यार होना चाहिए.

गुमसुम दिल से कुछ गुनगुना दो यारों
              मन की पीर को शब्दों में सुना दो यारों

दिल का कमरा आज भी किराए पे मिलता है।
             वफा भूल जाओ तो प्यार भी यहां मिलता है।

वक्त बदला तो ,चहरे की रंगत डूबाए बैठे थे।
           मासूमियत चहरे की, झुर्रियों से दिखाए बैठे थे।

वफा करते करते बेवफा, दिल बदल कर चल दिए।
     नजरों से पीने वाले आज फीर, मैखानों में चल दिए।

मिलावटी खुशी और बनावटी हसी बेचते नजर आते है।
       प्यार के सौदागार अक्सर गम बेचते नजर आते है।

                                            
सैकड़ों नाकामीया पल में गिना गया
      आज फीर मुझे कोई आईना दिखा गया

                                              

देखकर भी अनजान बने रहना एक अदा थी या फितरत ही बेवफा थी।
धीरे से मुड़ना और चले जाना फीर सोचना अच्छा हुआ जो उसने देखा  ही नही।

प्यार को खेल समझने वाली जरा सुनती जा
    ये मेरा प्यार है कोई गुड्डे गुड्डी खेल नहीं
  ये जवानी है बचपना नहीं और ये दिल है खिलौना नहीं

गम भूलाने का हक मुस्कुराने से ही मिलता है।
keep smiling

मै गरीब दिल और गरीब हुए जा रहा है।
सुना है प्यार के बजार में  दिलदार बड़ा महंगा है।।

प्यार में अक्सर ये हो ही जाता है
कभी मोम तो कभी काच हो जाता है
मोम बन पिघल जाता है
काच बन बिखर जाता है

तुम ना सहीं ,यादों का आईना तो है ।
तुम दूर सहीं ,आखों का इंतजार तो है।

                                     

तुम्हें पा लेने के सिवाये कोई हसरत क्या होगी
दूर जाने की ताकत अब मुझमें ना होगी

पहला प्यार और जंग लगे देसी कट्टे का वार अक्सर खुद को ही घायल कर देता है।

तुम्हें भूल जाने का बहाना ही अक्सर दोस्तों के बीच तुम्हें याद करने की वजह देता है।

छोड़ के जा रही हो तो चली जाओ
पर मैंने उस आखरी तस्वीर को भी प्यार किया जिसे तुम फोटोशॉप करना भूल गयी थी।
मुमकिन हो माशूक लौट आये।

हकीकत में अभिनय करने वालो से गुजारिश है की ,गुरु कभी तो डिस्क्लेमर दिया करो ।
वास्तविकता में किया प्रहार असर करता है ।

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