Wednesday, December 19, 2018

सोनम गुप्ता बेवफा है

Act one
बनारस के डैडी मोहल्ले में "जीगर" (20) साल "सोनम" गुप्ता ( 19 ) को बेहद प्यार करता है ।
जिगर के पिता "ह्र्दयनन्द"(50 ) सन्यासी हो गए है। जिगर अपने माँ के साथ गंगा घाट पे, स्फटिक की माला और रुद्राक्ष बेचने का काम करता है।
एक दिन जिगर सोनम गुप्ता से प्यार का इजहार करता है । सोनम गुप्ता कॉलेज के हेड बॉय आरव(22) को बुला लाती है । आरव (22) और उसके साथी जिगर  की कुटाई कर देते है।
जिगर के पास स्फटिक और रुद्राक्ष की माला बेचने के बाद 10-10 रुपये की काफी नोट हो गयी है ।
जिगर का दोस्त "नीलकमल"(20) उर्फ निरमा अपने अपने मोबाइल फ़ोन से व्हाट्सअप करके गंगा घाट पे जिगर को आने को बोलता है ।
जिगर उसे बोलता है कि वह नहीं आ सकता । व्हाट्सएप मैसेज में अपने दिल टूटने की बात और एक नोट की फोटो खींच कर निरमा उर्फ नीलकमल को भेज देता है । जिसपे लिखा है "सोनम गुप्ता बेवफा है" । उस मैसेज को निरमा ग्रुप में शेयर करता है । और एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में वो मैसेज आग की तरह फैलता हुआ पूरे देश मे एक सनसनी बन जाता है कि "सोनम गुप्ता बेवफा है"।
Act 2
नागा बाबा उर्फ डैडी की घर वापसी
डैडी ये नाम इनका क्यों पड़ा कोई नहीं जानता 30 या 40  साल पहले लांस एंजलिस से बनारस आये और यही के हो गए । महादेव के सच्चे भक्त है ।  प्रेम के बारे में तो डैडी गुरु घंटाल है कोई भी प्रेम संबंधी  समस्या ,सौतन ,मन चाहा प्रेम,प्रेम विवाह, कुंडली दोष ,मंगली, लड़की का विवाह ,जादू टोना, वंशीकरण सब का समाधान डैडी के पास होता है ।
सोनम गुप्ता भी अपने पिता पारस(48) के साथ अपने 10 के नोटों की समस्या बताने आती है  । डैडी चिलम खिंचते है, और कहते है कि आज से 10 रोज बाद जिसने भी ये कृत्य किया था, उसको उसके पाप का दंड तेरे हाथों ही मिलेगा।
कुछ ही दिनों में एक और मैसेज वायरल हो जाता है जब उस 10 की नोट का जवाब नोट से ही आता है। मैसेज पे लिखा था  "मैं बेवफा नहीँ हूँ एक और एकमात्र तुम्हारी सोनम गुप्ता" बस मुझसे मिलने आ जावो और पहचान के लिए वो 10 का नोट लाना । आरव ने डैडी के कहने पे ये काम किया था।  डैडी ने  पुलिस को जिगर की मुखबिरी कर दी।
जिगर के जीवन मे बहार आ जाती है।  उसे लगता है सोनम ने जवाब भेजा है । नीलकमल को भी आरव की बहन रागनी(19) पसंद आ गयी है ,जो सोनम के साथ ही पढ़ती है । दोनो ने तय किया कि आज सोनम और रागनी से मिल के आते है।
आजकल यूपी पुलिस का एन्टी रोमियो दस्ता जहाँ तहा दबिश दे रहा है। जिगर और नीलकमल सोनल से मिलने पहुचते है । सोनम, आरव और रागनी के साथ कॉलेज में गप्पे लड़ा रही है। जिगर सोनम को वो 10 का नोट देता है तभी आरव एक बार फिर जिगर कर साथ हाथापाई करने लगता है । इतने में सादी वर्दी में पुलिस वाले जिगर को पकड़ लेते है। जहाँ आरव अंग्रेजी में पुलिस वाले को ये बताता है कि जिगर सोनम को छेड़ रहा है और नीलकमल उसकी बहन  रागनी को, उसने विरोध किया तो उसे भी हाथापाई की।
पुलिस को जिगर के जेब से वहीँ पुराना एक नोट मिला और हेड राइटिंग मिलान से इस बात की पुष्टि हो गयी कि नोट पे हैडराइटिंग जिगर की है जिसपे "सोनम गुप्ता बेवफा है" लिखा है।
निरमा के पिता सेठ विशम्भर के थोड़ी सी रिश्वत से निरमा और जिगर पुलिस से छूट जाते है लेकिन पूरे बनारस में ये अफवाह होती है कि डैडी के हस्तक्षेप से जीत और नीलकमल पे लगे इव टिसिंग का केस पुलिस ने वापस ले लिया है।
सोनम गुप्ता नाम की लड़कियों ने तो पूरे देश मे इस घटना के बाद जम के बवाल काटा । और हर राज्य की सरकार ने अपने प्रदेश की हर सोनम गुप्ता को मान हानि का हर्जाना दिया।
लेकिन इस घटना का एक राजनीतिक फायदा उठाते हुवे सोनम के पिता  पारसनाथ ने एक पार्टी बना ली और "सोनम बेवफा के मुद्दे पे " सोनम को चुनाव में खड़ा किया और सोनम चुनाव जीत गयी।
इस घटना के बाद ही डैडी फिर से कही अदृश्य हो गए। कुछ लोग कहते है की सीरिया वाले मसले पे अमेरिका और रशिया दोनों मिला भीड़ गए है उन्ही के बीच डैडी मामला सलटाने गए है।
जिगर सोनम के चुनाव जीतने के बाद उससे मिलने आता है । लेकिन वो उसे धक्के दे के बाहर करवा देती है।
जिगर के लिए मुश्किल ये है कि अब वो ऐसा क्या करे कि वो स्वाति के करीब जा सके । चुनाव का माहौल है इसलिए जीत चुनाव लड़ने की सोच रहा है।
आरव गुप्ता हार्ड कोर कम्युनिस्ट हो गया है। अक्सर बनारस में चक्का जाम करता रहता है।  अमेरिकी सैलानियों को अक्सर बनारसी के नाम पे नकली गांजा भाग सप्लाई करता रहता है । अब वह भी चुनाव जीत कर पूरे बनारस को कॉमरेड बनारस बनाना चाहता है।
सोनल गुप्ता पार्टी की अध्यक्ष है । बनारसी चुनाव में किसे टिकट  दिया जाए उसका फैसला भी वहीँ करती है।
सोनम के पिता सेठ पारसमणि(52), आरव की बढ़ती लोकप्रियता और डैडी के साथ घनिष्ट सम्बन्ध को देखते हुवे, आरव से वादा किया है कि अगर वह विधायक बन गया तो सोनम की शादी उससे से करा देंगे।
जिगर को उसके पिता ह्र्दयनन्द का समर्थन मिला है और उसके पिता को अमेरिका से आये हिप्पिस और जिप्सीस का। जिसमे बहुत से ऐसे फिरंगी लौंडे है जो सीआईए के एजेंट है  । ये एजेंट  रशिया फ्रांस और यूरोप से आए जिप्सीस को हटा के अपने अमेरिकन सैलानियों को काशी नगरी के सारे घाटों पे बने मकानों में रखना चाहते है। इसी वजह से सीआईए, केजीबी आमने सामने है ।
जब से अमेरिका में डेमोक्रेटिक  सरकार बनी डैडी का रुझान रशियन हिप्पी की तरफ ज्यादा है, क्योंकि उन्होंने रिपब्लिकन को सपोर्ट किया है।
सोनल को अमेरिका जाने का मन है और वहाँ जाके ओरिजनल कोका कोला और हैम बर्गर खाना है लेकिन जब से उसने बनारस में समोसा और जलेबी को भारतीय स्नैक्स बता के बर्गर पिज़्ज़ा का विरोध किया है, अमेरिका ने उसे वीजा देने से इनकार कर दिया।
असल बात ये है कि अंकल सैम इस बात से भी नाराज है कि "डैडी" के प्रभाव के कारण पार्टी अध्यक्ष सोनम का झुकाव रशियन जिप्सियों की तरफ ज्यादा है और इसी कारण बढ़िया भाग और गंगा घाट पे स्थित पक्का  महाल पे रशियन का एकाधिकार हो गया है।
जिगर सोनम पे दबाव बनाता है कि अगर वह उसे विधायक का टिकट देदे तो वह उसका वीजा लगवा देगा । सोनम जिगर की बात मानकर उसे अपनी पार्टी से टिकट दे देती है।
जिगर सीआईए के एजेंटों से अमेरिकन हिप्पिस को गंगा घाट में बने मकानों में शिफ्ट कराने और रशिया के हिप्पीस को बनारस से तड़ीपार कराने का वादा करता है जिसके बदले  सीआईए सोनम का वीजा लगवाने का वादा करती है।
आरव "डैडी" से चुनाव में मदद करने को बोलता है । और ये खबर भी देता जिगर को सीआईए का साथ मिल गया है । दोनों मिलकर एक प्लान बनाते है । रशिया और यूरोप के देशों से आये हिप्पिस और जिप्सीस का उनको समर्थन मिलता है और आरव को जिगर  के खिलाफ मुकाबले में खड़ा किया जाता है।
सोनम द्वारा जिगर को टिकट देने से डैडी नाराज है और वह सोनम को धमकाने के लिए चाइना से बात करते है।
चाइना भी अपनी सेना बॉर्डर पे भेज देता है क्योंकि उन्हें डर है कि  बर्गर पिज़ा के बाद सोनम मोमोज मंचूरियन और नूडल पे भी न बैंड लगा देगी । प्रधानमंत्री सोनम से जल्द से जल्द इस मामले में अपना पक्ष रखने को बोलते है।
जिगर निरमा की मदद से सारनाथ में रह रहे तिब्बती बुद्धिस्ट लोगों को अपने साथ कर लेता है।
तिब्बती के बीच मे आने से ये बात साबित होती है कि मोमोस तो तिब्बत का माल है । वैश्विक दबाव के चलते चाइना को सेना पीछे करनी पड़ती है।
इस घटना के बाद सोनम के दिल में जिगर के लिए वो कड़वाहट नहीं रहती।
जीत पान का दाम सिर्फ 3 रुपये, बर्गर बनाम समोसा और पक्का महाल से रशियन को बाहर निकालने की पुर जोर मुहिम छेड़ता है।
तो वहीँ डैडी, आरव और पारस नाथ चुनाव आयुक्त पे दबाव बनाके जिगर का चुनाव प्रचार  कन्वोकेशन सेंटर तक ही सीमित करा देते है और खुद पूरे शहर में प्रचार करते है।
Act 3
जिगर सोनम को बताता है की डैडी ने उन सभी घरों पे कब्जा कर रखा है, जिनके घरों की खिड़किया गंगा घाट की तरफ खुलती है ।इन खिड़कीयो से सुबह 4 बजे जो जड़ीबूटी भरी हुई शुद्ध हवा आती है । मकान मालिकों को डैडी ने अंडर ग्राउंड कर रखा था।
बस इसी हवा चक्कर में केजीबी और सीआईए के बीच ठनी हुई है जिसका फायदा इतने सालों से डैडी और आरव उठाते आ रहे थे।
इस पूरे मामले में जब सोनम रॉ की मदद लेती है तो उसे ये भी पता चलता है कि डैडी के कहने पे ही आरव ने जिगर के खिलाफ षड्यंत्र कर के उनदोनों के बीच कड़वाहट भर दी थी ।
सोनम को भी जिगर से प्यार हो जाता है।
जीत और आरव के बीच चुनाव होता है दोनों के बीच टाई हो जाता है वोटों की गिनती दोबारा होती है सोनम को भी लगता है वह अब तक गलत लोगो का साथ देती आयी है फाइनली वह ईवीएम मशीन पे अपना आखरी वोट देती है। और जिगर इलेक्शन में जीत जाता हैं।

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