Saturday, September 15, 2018

चीन की दीवार

कहाँ जाता है कि चाँद से अगर धरती को देखो तो धरती पे सिर्फ समुंदर और चाइना की ग्रेट वाल या दीवार की एक हल्की रेखा दिखाई देती है । लेकिन हमारी कहानी चाइना के दीवार की नहीं एक प्रेम कहानी है। चाइना में एक गरीब लड़का था । वह इमारतों में ईट जुड़ने का काम करता था । जहाँ वो ईट जोड़ने का काम करता था, वहाँ एक बाग़ था । बाग में एक सुंदर तालाब था। लड़का दिन भर ईंटे जोड़ता थक कर उसी तालाब के पास जाकर रात में सो जाता ।
उस तालाब के पास एक परी हर रोज बासुरी बजाने आया करती थी। जब वो बाँसुरी बजाती तो तालाब के पानी का रंग इंद्र धनुष के सात रंगों में बदल जाता । फिर परी जिस रंग के पानी मे तैरती वो उस रंग की हो जाती । एक रात उस लड़के की आँखे खुल गयी और उसने परी को और सात रंगों के पानी को देख लिया । परी इतनी खूबसूरत थी कि लड़के को उसे देखते ही प्यार हो  गया।
परी ने उसे बासुरी दी और बोला तुमने मुझे देख लिया है । अब तुम जब चाहो मुझे इस बाँसुरी से बुला सकते हो। लेकिन मैं सिर्फ एक धुन सुन कर ही आवोगी वो है प्यार की धुन।
फिर वो गायब हो गयी। लड़का हर दिन रात को बासुरी बजाता लेकिन उसे बाँसुरी नहीं बजाने आती इसलिए वो प्यार की धुन भी नहीं बजा पाता।
ऐसे ही कई साल बीत गए वो हर रात बासुरी बजा ने की कोशिश करता लेकिन परी नहीं आती । लेकिन उसने गौर किया कि जब भी वो ईट जोड़ता पत्थरों से वैसी ही धुन निकलती जैसी बाँसुरी से।
और एक तितली हमेशा उंसके पास आ जाती और उसके पंखों पे वहीँ इंद्रधनुषी सात रंग हुआ करते।
उसे यक़ीन हो गया कि वो भले ही बासुरी से वो धुन न निकाल सके लेकिन पत्थरों को जोड़ जोड़ कर वो धुन निकाल सकता है ।
वो दिन रात परी की आश में ईंट जोड़ता इमारते बनाने लगता । जल्दी ही पूरे शहर में ये चर्चा शुरू हो गयी कि शहर में एक राजमिस्त्री है जो दिन रात ईंटे जोड़ता है और  बहुत कम दिन में पूरी इमारत खड़ी कर देता है।
लड़का  किसी का नया घर बनते देखता वहाँ जाके ईट जोड़ने का काम करने लगता औऱ तितली को देखते देखते पूरी इमारत बना देता।
एक दिन परी बिना बासुरी की धुन के उसके पास आ गयी और लड़के से कहाँ उसे उसका सच्चा प्यार मिल गया है। अब वो हमेशा उंसके साथ रहेगी । परी ने अपनी सारी शक्तिया छोड़ इंसानी रूप ले लिया । औऱ दोनो ने शादी कर ली।
राजा को भी जब उस लड़के के बारे में पता चला तो उसने भी अपने कई महल बनवाये और लड़के को खूब पैसे दिए । अब वो राजा का निजी राजमिस्त्री बन गया।
राजा अक्सर उसे किसी न किसी इमारत को बनवाने के लिए  को बुला लेता और परी इस बात से नाराज होती कि राजा उंसके पति को सास लेने की भी फुरसत नहीं देता।
एक दिन राजा के सैनिक आये और उस लड़के को अपने साथ ले गए। परी नहीं चाहती थी कि वो लड़का सैनिकों के साथ जाए।लेकिन चाह के भी कुछ नहीं कर सकती क्योंकि अब वो भी एक मामूली इंसान ही थी।उसने वादा लिया कि वो जल्दी से जल्दी उंसके पास आ जायेगा।
राजा ने शत्रुओं के आक्रमण से बचने के लिए  लड़के से सरहद पे एक दीवार बनाने को बोला जिससे कोई भी अंदर न घुस पाए । लड़का हर दिन 10 किलोमीटर की दीवार बनाता और राजा से अपनी बीवी के पास लौटने की बात करता तो राजा उसे दूसरी दीवार बनाने को बोलता।
उधर परी , अपने पति को घर न लौटता देख खुद वहाँ जाने लगी जहा उसका पति दीवार बना रहा था । वो रोज 10 किलोमीटर चलती लेकिन जब तक वो वहाँ पहुचती उसका पति 10 किलोमीटर औऱ आगे चला जाता । ऐसे ही कई साल बीत गए वो लड़का दीवार बनाते बनाते आगे बढ़ते गया और परी बहुत पास आकर भी उसे दूर हो जाती ।
लड़का दीवार बनाते बनाते खुद भी बहुत कमजोर हो गया था लेकिन वो बस काम खत्म कर अपनी परी के पास जाना चाहता था ।
इस बात से बेखबर की परी भी उसे मिलने के लिए उंसके पास ही आ रही है।
कुछ सालों में चीन की दीवार हजार किलोमीटर लंबी हो गयी औऱ परी और लड़के के बीच फिर भी हमेशा एक दिन का फासला रहा।
आखिर में एक दिन लड़के ने सारा काम छोड़ कर राजा से बोला कि उसे किसी भी कीमत पे अपनी बीवी के पास जाना है ।
  राजा बोलता है कि वो अगर एक दिन में बाकी बची सरहद पे दीवार बना दे तो वो जा सकता है वर्ना नहीं । लड़के इतना दुखी होता है कि उंसके आंसू निकल जाते है ।
लेकिन राजा उसे दीवार बनाने भेज देता है । लड़का दीवार और तेजी से बनाने लगता है  परी के लिए उसकी तड़प और उससे न मिल पाने का दर्द उसे इतना ज्यादा होता है कि वो दीवार बनाते बनाते ही दम तोड़ देता है।
राजा के सैनिक उसे दीवार में ही चुन देते है और बाकी के मजदूर आगे की दीवार बनाने लगते है लेकिन कोई भी उतनी तेजी से दीवार नहीं बना पाता
और दूसरी तरफ परी अपने पति की राह में चलते चलते वहां पहुचती है। उसे पता चलता है कि उसका पति सिर्फ उसे मिलने के लिए ही इतनी दूर तक दीवार बना डाली फिर भी राजा ने उसे आने नहीं दिया तो वह रोने लगी।
परी ने जैसे सुना की उसका पति मर गया औऱ दीवार में उसे चुन दिया गया तो उस आखरी दीवार को जोर जोर से पीटने लगी ताकि  वो अपने पति को आखरी बार देख सके ।
वो जितनी बार दीवार को पीटती उसमे से वहीँ धुन निकलती । आखिर में परी चीख चीख़ कर रोने लगी । उसका रोना इतना भयानक था कि दीवार कापने लगी धरती का सीना फट गया और बादल बरस पड़े ।
औऱ आखिर में वो दीवार टूट गयी जिसमे उंसके पति को चुना गया था । परी के हर एक आशु की बूंद से एक एक ईंट गिर के एक ही धुन गाती । और दीवार से टूट कर अलग हो जाती।
आखरी में परी जैसे ही  अपने पति का मृत शरीर देखती है वो आखरी बार चीखती है औऱ अपने पति से लिपट के मर जाती है। उसकी आखरी चीख से कई किलोमीटर तक कि दीवार टूट कर बिखर जाती है।
और यही इस कहानी का अंत।
ये कहानी सच है या झूठ लेकिन उसके बाद से चीन की ग्रेट वाल या दीवार आगे नहीं बन पाई । जब भी बनी कैसे भी टूट ही जाती है। औऱ यहीं जगह चीन की दीवार का आखरी छोर है उंसके आगे की दीवार कभी नहीं बनी । आज भी सच्चे प्यार करने वाले उस परी और उस लड़के की याद में दीवार के आख़री छोर तक जाते है ।लेकिन साथ साथ।

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