जिस्म से दूर और रूह के पास हो तुम
आखों से दूर और आसुओं के पास हो तुम
इंतजार से दूर और तन्हाई के पास हो तुम
इनकार से दूर इकरार के पास हो तुम
हद से दूर हक़ के पास हो तुम
नींदों से दूर ख्वाबों के पास हो तुम
दिल से दूर धड़कनों के पास हो तुम
सिर्फ मुझसे दूर मेरी मोहब्बत के पास हो तुम
No comments:
Post a Comment